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Sunday 21 February 2016

इंतज़ार करना





भूल ही नहीं सकती
तुमसे किया वो वादा
आउंगी लौटकर इंतेज़ार करना
सब्र मत खोना
भरोसा रखना
आज मेरा चले जाना मजबूरी है
रुक सकती तो लौट के आने का
करती कभी ना वादा
उसी पेड़ के नीचे मिलना
उसी चाय के ठेले पर
मैं नहीं भूलूंगी कभी
याद रहेगा तेरा इंतेज़ार करना
तू बरसात में जब जब भीगेगा
मैं भी तड़पूंगी विरह की आग में
बस मुझे बेवफा मत समझना
जब जब नींद से जागेगा तू
मैं भी बुनुंगी स्वप्न पुन्रमिलन का
आज मेरा चले जाना मजबूरी है
रुक सकती तो लौट के आने का
करती कभी ना वादा
तू भी एक वादा करना
इंतेज़ार की घड़ियों से न थकना
वक़्त का काँटा धीमा होगा
तू घबरा कर हार न जाना
आउंगी लौटकर इंतेज़ार करना
उसी सड़क पर खड़े मिलना
जहाँ गुज़ारे थे घन्टों साथ
फिर से मेरा हाथ थामना
मुझको दूर कहीं ले जाना
भूल ही नहीं सकती
तुमसे किया वो वादा
आउंगी लौटकर इंतेज़ार करना
खुशियों के आंचल को फिर ओढ़ चलेंगे
रंगो से फिर इक बार
तू मेरा संसार सजाना
आउंगी लौटकर इंतेज़ार करना !!!!!!!!!! नीलम !!!!!!!!!!!!!!!

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