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Monday 28 December 2015

कर्ज़दार

कर्ज़दार मैं
कभी तेरी प्रभु
तो कभी तेरी दुनिया की
सांस तेरी है
पर चलती इस दुनिया में है
दिल तूने दिया
धड़कन भी
पर फिर भी धड़कता
किसी के दीदार से है
जीवन तेरा दिया है
पर जीना सिखाया
इस दुनिया ने
गलत सही तूने बनाया
पर समझाया यहाँ रहने वालों ने
मेरी हर चीज़ तेरी दी हुयी
पर खरीदार भी बनाये इस दुनिया ने
हर मोड़ पे तू है
पर रस्ता दिखाया 
किसी इंसान ने
तू मुझ में है
फिर बस्ता कोई और क्यों मन में
क़र्ज़ तेरा भी मुझ पर
क़र्ज़ आज तेरी दुनिया का भी है
कर्ज़दार भी तो बनाया तूने है !!!! नीलम !!!!

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