Followers

Saturday 3 October 2015

समझदार पागल



पागल देखा है कभी, सड़क पे चलता हुआ, या किसी खम्बे के नीचे पड़ा हुआ, कभी चेहरा दखा है क्या उसका? नहीं न? जाईये देखिये .... आपको वो मिलेगा जो आप रोज़ खोजते हैं, पर नहीं मिलता .... कैसे मिलेगा आप पागल थोड़े न हैं ....पागल को समझने के लिए पागल बनना पड़ता है, वो चेहरे पर जो भाव है उनका कोई मोल नहीं, और आप हैं कि न जाने कितने मोल चूका रहे हैं , उस अनमोल सुकून को पाने के लिए.....कभी आत्मचिंतन नहीं किया न , वक़्त कि कमी के कारण .... शायद .....!!!!!!!!!  कोई बात नहीं कम से कम उस पागल के करीब जा कर ही महसूस कर लेना कभी, न गर्मी परेशान करती है उसे न जाड़े के कम्कम्पाहट, और  न बारिश का पानी उसको बहाता है , न महंगे कपडे न कोई भोज न ही कोई घर और न किसी कि खोज , बस अपने में संतुष्ट वो पागल आपको कहीं न कहीं टकरा जाएगा , शायद आपकी किसी बात का जवाब भी न दे .... आप सोचेंगे पागल है क्या जवाब देगा.... पर जानते हैं वो हँसता है मन ही मन कि आप कितने मुर्ख हैं ...... कैसे उट पटांग सवाल पूछ रहे हैं, पागल जानता है कि आप अभी तक सयाने सियार हैं हर वक़्त शिकार की तलाश में, जो आपका फायदा करे आपकी भूख मिटाए, इसीलिए वो आपको मुंह ही नहीं लगाएगा, जिस समाधी में वो पहुंचा है उसकी तो आप और हम कल्पना भी नहीं कर सकते.... मैंने देखा था उसे कल स्टेशन के सामने समाधि लगाए ..... उसे देख लगा मानो इश्वर स्वयं उसके मुख्य से झाँक रहे हों, मन तो किया वहीँ बैठ जाऊं उसी के साथ समाधि लगा लूँ , पर शायद अभी उतनी पागल नहीं हुयी अभी तपस्या बाकी है , आप जैसे लोग अभी मुझसे नहीं डरते, लेकिन उस पागल को देख भाग जाते हैं, कभी सोचा है क्यूँ ? वो “सच” है ....इसलिए .... और आप नकाब पोश चोर , उसने कभी कुछ नहीं चुराया जो उसका है बस वो उठा लिया .... और आप डर गए... वाह !!!! अजीब हैं आप लोग...गोली बन्दूक से नहीं डरते एक पागल को देख घबरा जाते हैं....पर सबसे बड़ी बात वो पागल भी आपसे नहीं डरता , उसे पता है कि आप उस से बहुत छोटे हैं सोच में भी और व्यक्तित्व में भी... न आप के पास वो अमन है न नीरवता ....और आप इतने व्यस्त हैं इनकी खोज में कि आप उसे कोई नुक्सान ही नहीं पहुंचा सकते, बल्कि खुद को ही नष्ट कर रहे हैं... मैंने पागल देखे हैं पहले भी एक बार ..... एक पागल खाने में , इश्वर के इतने रूप किसी मंदिल गुरुद्वारे या मस्जिद में भी नहीं मिलेंगे....  निस्वार्थ, निश्छल, मुस्कुराते , रोते गाते , न किसी से कोई मतलब न किसी से कोई परेशानी, बस खुद में परिपूर्ण ज़िन्दगी , दिल ने वहीँ रोक लिया , और आज भी दिमाग वहीँ रहता है ........... मैंने खोज ली अपनी मंजिल उस पागल के साथ...... उम्मीद है आप भी कुछ न कुछ पा लेंगे , जाईये देख कर तो आइये उस पागल को करीब से , शायद आप भी थोड़ा चैन पा जायें ...... !!!!!!!! नीलम !!!!!!!!!!!!

No comments:

Post a Comment