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Friday 16 October 2015

पूरी तुम्हारी हूँ मैं



कर दो खुद को मेरे नाम
पूरा का पूरा
अब मुझको भी नहीं रहना अधूरा
तू है तो मैं भी पूरी हो जाउंगी
जिस दिन तुझको पूरा पा लूंगी
तूने पुछा था इक दिन मुझसे
कि क्या मैं सिर्फ तेरी हूँ ?
मैंने जवाब नहीं दिया था
और रूठ गया था तू
आज बताती हूँ
उस दिन तो तू भी मेरा पूरा न था
और आज जब मैं मांग रही हूँ तुझे
पूरा का पूरा  
तब भी तो तू आँखें चुरा रहा है
मैंने तो जवाब नहीं दिया था
सोचा था समझ जाएगा इक दिन तू
पर न समझा तू आज तक
मैं तो उसी दिन तेरी पूरी हो गयी थी
जिस दिन सड़क पार करवाते वक़्त
तूने मेरा हाथ थामा था
तुझे देखा था अपने लिए परेशान होते
रात को उठ देखा था तुझे अपना कम्बल मुझ से बांटते
मुझे ठण्ड न लगे इसीलिए मुझे ढकते
बस वही तेरा अपनापन मुझे पूरा तेरे लिए बना गया था
और तू आज तक समझ ही न पाया
आज मांग रही हूँ मैं भी
पूरा का पूरा तुझे तुझसे
अब मुझको भी नहीं रहना अधूरा
और दूर तुझसे
करदे खुद को मेरे नाम
और हो जा मेरा तू भी पूरा का पूरा
और मैं भी तेरा हाथ थामे
करती रहूँ जीवन की हर डगर को पार !!!!!!!!!!! नीलम !!!!!!!!!!!

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