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Sunday 4 October 2015

आत्मा का रंग



आसमान का गहरा नीला रंग
मिट्टी का मटमैला सा रंग
अलग अलग चेहरों का भी अलग अलग है रंग
कोई गोरा कोई काला
कोई है बेरंग
कोई रंगीला इतना
मानो उसके ही हों सारे रंग
रात काजल जैसी तो दिन सुन्हेरे
कोहरे का वो धुन्दलापन
आत्मा का भी है क्या कोई रंग
या वो भी है धुंदली और बेरंग
नज़र ही नहीं आती आज कल इन रंग बिरंगे चेहरों के संग !!!!!!!! नीलम !!!!!!!!


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