आसमान का गहरा नीला
रंग
मिट्टी का मटमैला सा
रंग
अलग अलग चेहरों का
भी अलग अलग है रंग
कोई गोरा कोई काला
कोई है बेरंग
कोई रंगीला इतना
मानो उसके ही हों
सारे रंग
रात काजल जैसी तो
दिन सुन्हेरे
कोहरे का वो
धुन्दलापन
आत्मा का भी है क्या
कोई रंग
या वो भी है धुंदली
और बेरंग
नज़र ही नहीं आती आज
कल इन रंग बिरंगे चेहरों के संग !!!!!!!! नीलम !!!!!!!!
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