Followers

Sunday 6 September 2015

मैं एक फौजी की बीवी हूँ
धर्मपत्नी या अर्धांगिनी भी कह सकते हैं
स्नेह से परिपूर्ण
गर्व की मूरत हूँ
उसका संसार हूँ
उसके करीब न होकर भी उसके साथ हूँ
उसके प्राणों की रक्षा भी मैं हूँ
उसके साँसों का अधिकार भी मैं
उसके पेट से दिल का रास्ता भी मेरा है
और उसकी जुबां पर नाम भी मेरा है
मैं एक फौजी की बीवी हूँ
अपने संसार की सब कुंजियाँ देकर आज वो निश्चिन्त है
और मैं भी संभाले बैठी हूँ
इन कुंजियों के गुच्छे को
उसके मज़बूत कंधो पे लगे सितारों का भी एक हिस्सा हूँ
उसकी निडरता और निश्चिंतता का भी
उसकी माँ का बेटा भी बन गयी
और उसके बच्चों का पिता भी
मैं एक फौजी कि बीवी हूँ !!
जहाँ वो रहता है,
वो, वादियाँ और जंगल जो उसका रास्ता हैं,
मैं उनकी भी हमराज़ हूँ
मेरी प्रार्थना भी वो है
और मेरा होना भी वो है
उसका इंतज़ार भी मेरा
उसका प्यार भी मेरा है
उसकी बन्दूक से निकली गोली भी मैं हूँ
उसके हाथों की कंपकंपाहट भी
उसके अधरों पर भी मैं हूँ
और उसके छलकते जाम की हर बूँद भी
क्यूंकि मैं एक फौजी की बीवी हूँ
उसकी रचना हूँ और प्रेरणा भी
लाशों के बीच पड़े उसकी सांसें भी मैं हूँ
रात के अंधेरों में झींगुरों की आवाज़ में भी मैं हूँ
उसके स्वप्नों में लड़ने वाली भी मैं ही हूँ
उसका आत्मविश्वास भी मैं और कमजोरी भी मैं ही हूँ
उसके अकेलेपन का साथी भी मैं हूँ
उसका वापस लौट के आने का संकल्प भी मैं ही हूँ
उसके घर आँगन का मज़बूत स्तम्भ भी मैं हूँ
मैं एक फौजी की बीवी हूँ ........!!!!!
! नीलम !
Dedicated to all fauji wives....

No comments:

Post a Comment