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Tuesday 15 September 2015

पैसा होता तो क्या होता

!!!!!!!!!!!!! रात दिन बस एक ही चिंता , ऐसा होता तो वैसा होता , पैसा होता तो सब कुछ  होता ,
क्यों हम सब हैं इतने गरीब , खाली हैं जेबें और दिल भी न रहे अमीर
किसी को रोटी की , किसी को शराब की , किसी को नशे की और किसी को हवस की
भूख है जो शांत ही नहीं होती, रात दिन बस एक ही चिंता , पैसे  का देखो कैसा ये  जोर
रंक बनी है राजा और राजा बन गया चोर
किसी की भरी हैं जेबें पर खाली दिल ओ दिमाग
जो है दिमाग वाला है वो ठन ठन गोपाल
जो बढ़ा हुआ है बढ़ रहा है और
जो ऊपर न देख पाया और गिरा है
अमीर करके भी चोरी कहलाता है सच्चा
और दो रोटी वाले को मान लेते हैं चोर
लम्बी मोटर देखो कैसे चलती चारो ओर
सड़क पड़े पागल को समझती बस ये तो एक  बोझ
कुचलती है शान से अपने नशे की आड़ में
पैसे ने बिगाड़ा है उसको कैसे अपने लाड़ में
अक्सर पाया है पैसे को करता कुछ नुक्सान
आराम का तो पता नहीं पर कर देता है नींदें हराम !!!!!!!!!!!!!!! नीलम !!!!!!!!!!!!!!!!!

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