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Sunday 20 September 2015

चांदनी



!!!!!! चांदनी के ख़्वाबों में लिपटी रात भर मैं सोयी ,
सच होते ख़्वाबों की किरणों ने फिर है आज चौखट खटकाई
सुनहरी ये सुबह भी आँगन में मेरे पहुंची है लेते हुए अंगडाई  !!!!!!!! नीलम !!!!!!!!!!!

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