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Wednesday 16 September 2015

!!!!!!!!!! उलझा गया मुझको मेरी ही  इन लटों में  तू
अपनी साँसों में भी ले गया बाँध के मुझे तू

 दिल ऐ नादां कि गुस्ताखियों की सज़ा दे गया क्यूँ मुझे

कुछ छोड़ा न मुझमे मेरा तूने
देख मैं खुद से कैसे यूँ पराई हो गयी
धड़कनें भी मेरी अब मुझ पर उधार हो गयी !!!!!!!!!!!! नीलम


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