!!!!!!!!!! उलझा गया मुझको मेरी ही इन लटों में तू
अपनी साँसों में भी ले गया बाँध के मुझे तू
दिल ऐ नादां कि गुस्ताखियों की सज़ा दे गया क्यूँ मुझे
कुछ छोड़ा न मुझमे मेरा तूने
देख मैं खुद से कैसे यूँ पराई हो गयी
धड़कनें भी मेरी अब मुझ पर उधार हो गयी !!!!!!!!!!!! नीलम
अपनी साँसों में भी ले गया बाँध के मुझे तू
दिल ऐ नादां कि गुस्ताखियों की सज़ा दे गया क्यूँ मुझे
कुछ छोड़ा न मुझमे मेरा तूने
देख मैं खुद से कैसे यूँ पराई हो गयी
धड़कनें भी मेरी अब मुझ पर उधार हो गयी !!!!!!!!!!!! नीलम
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