सुप्रभात उन्हें ,
जिन्हें सूरज महाराज दोपहर तक तंग नहीं
करते..............
!!!!!! उफ्फ्फ......
क्यूँ रोज़ पर्दा हटाते हो ,
क्यूँ रोशनी पहले
मेरे ही चेहरे तक पहुंचाते हो
उठाओ न उनको जो
तुम्हारे सर चढ़ने तक सोते हैं
जानती हूँ...... मैं
सर नहीं चढ़ाती, इसिलिए मुझी से तुम चिड़ते हो !!!!!! नीलम !!!!!
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