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Saturday 19 September 2015

सुप्रभात



सुप्रभात उन्हें ,
        जिन्हें सूरज महाराज दोपहर तक तंग नहीं करते..............
!!!!!! उफ्फ्फ...... क्यूँ रोज़ पर्दा हटाते हो , 
क्यूँ रोशनी पहले मेरे ही चेहरे तक पहुंचाते हो
उठाओ न उनको जो तुम्हारे सर चढ़ने तक सोते हैं
जानती हूँ...... मैं सर नहीं चढ़ाती, इसिलिए मुझी से तुम चिड़ते हो !!!!!! नीलम !!!!!

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